बाबा दित्तू जी मोरी रंग दो चुनरिया। ....२
रंग दो चुनरिया रंग दो चुनरिया। ....२ रंग न जाये जो सारी उमरिया बाबा दित्तू जी मोरी रंग दो चुनरिया। लाल ना रंगाऊ मैं तो हरी ना रंगाऊ। ....२ अपने ही रंग में तू रंग दे चुनरिया ...२ बाबा दित्तू जी मोरी रंग दो चुनरिया। ऐसा रंग, रंग दे की रंग नाही छूटे। .....२ धोऊ उसे चाहे सारी उमरिया बाबा दित्तू जी मोरी रंग दो चुनरिया। बिना रंगाए मैं तो घर नहीं जाऊंगी। .....२ बीत जाए चाहे सारी उमरिया। ....२ बाबा दित्तू जी मोरी रंग दो चुनरिया। |